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केला बिहार का लोकप्रिय फल Banana Popular fruit of Bihar

                           केला बिहार का लोकप्रिय फल 

       Banana  Popular fruit of  Bihar

                     


 केला अल्प समय में तैयार होनेवाला महत्त्वपूर्ण फल है । आहार , उत्पादन एवं आर्थिक दृष्टि से फलों में इसका प्रमुख स्थान है । वर्ष 2003 से भारत में विश्वभर में सबसे ज्यादा केले का उत्पादन हो रहा है । दुनियाभर की फसल में लगभग 23 फीसदी अकेले भारत ने पैदा किया । इसकी खेती के पीछे मूल मकसद फल प्राप्त करना होता है , क्योकि केले का फल औषधीय गुणों से युक्त होता है । केले के फल लटकते गुच्छों में ही बड़े होते है जिनमें 20-25 फलो तक की एक पंक्ति होती है । एक गुच्छे में 3-20 केले की पंक्ति होती है । केले के लटकते हुए संपूर्ण समूह को गुच्छा ( घौद ) कहा जाता है जिसका वजन 30-50 किलो होता है । एक केला औसतन 125 ग्राम का होता है , जिसमें लगभग 75 प्रतिशत पानी और 25 फीसदी सूखी सामग्री होती है । प्रत्येक फल सुरक्षात्मक बाहरी परत होती है ( छिलका या त्वचा ) जिसके भीतर एक मांसल खाद्य भाग होता है । किस्में केले की इस देश में पचासों किस्में है । बिहार में इसकी खेती बहुत पहले से ही वैशाली तथा मुजफ्फरपुर में की जाती है । लेकिन , हाल के वर्षों में आय के लिहाज से इसकी खेती का क्षेत्र अन्य जिलो , विशेषकर सहरसा , पूर्णिया , भागलपुर , बेगूसराय , खगड़िया आदि में बढ़ने लगा है । पूरे राज्य का लगभग 50 प्रतिशत केला इन्हीं क्षेत्रों में पैदा होता है । लेकिन , हाजीपुर ( वैशाली ) का केला ही बाजार में प्रसिद्ध है । मालभोग - उत्तर भारत खासकर बिहार का यह सबसे श्रेष्ठ केला है जिसका फल काफी मोटा , मुलायम और अतिमीठा होता है । पकने पर छिलके का रंग बिलकुल पीला हो जाता है । हाजीपुर के मालभोग का कोई जवाब नहीं ।

                                              

                  
                                        

           आम : फलों का राजा Mango: King of fruits

चंपा - प्रायः छह इंच लंबा इसका फल मालभोग से पतला और कम मीठा , फिर भी काफी मधुर होता है । 

चीनिया - इसका फल पतला और काफी छोटा , अंगुली के आकार का एवं मिठास से भरा होता है । वैशाली क्षेत्र का चीनिया केला देशभर में विख्यात है । 

महाराष्ट्रीय हरा - इसका फल बड़े आकार का और मोटा होता है । पकने पर भी इसका छिलका हरा ही रहता है । महाराष्ट्र के जलगाँव और उसके समीपवर्ती जिलों में इसकी खासतौर पर खेती होती है तथा वहाँ से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपयों के केले देश और विदेश में भेजे जाते हैं । स्वाद में यह बहुत ही मीठा होता है तथा पूर्ण रूप से पक जाने पर मक्खन - सा मुलायम होता है । 

वतीसी - इसका कच्चा फल अधिकतर सब्जी के काम में आता है । पका हुआ फल खाने में इतना बढ़िया नहीं होता । लेकिन , इसकी सब्जी के शौकीन अच्छी - सी - अच्छी कीमत चुकाकर भी इसे खरीदने के लिए लालायित दिखते हैं । वैशाली जिला में इस किस्म का भी केला उत्पादित होता है । में भी यह किंवदंती है कि भगवान कृष्ण स्वर्ग से इसे पृथ्वी पर लाए और यही कारण है कि लोग इसे पवित्र मानते हैं और अपने घर के पास इसे अवश्य लगाते हैं । कहते हैं , इसके लगाने से परिवार और भाग्य में श्रीवृद्धि होती है । इस संदर्भ में पुनः हम प्रसंस्करण की चर्चाकर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे कि फलों के उत्पादन को यदि आय का स्रोत बनाया जाए , तो यह काफी उपयोगी होगा 

                                            

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