संकटग्रस्त जातियाँ विलुप्त होने का भय
हमारी पृथ्वी Our Earth
रणथम्भौर व सरिस्का ( राजस्थान ) , कान्हा ( मध्य प्रदेश ) व जिम कॉट राष्ट्रीय उद्यान ( उत्तराखण्ड ) के प्रसिद्ध बाघ रिजर्व है । संकटग्रस्त जातियाँ ( Endangered Species ) वे जातियाँ , जिनके विलुप्त होने का अत्यधिक भय है तथा अनेक कारणों से इनका बचना अत्यन्त मुश्किल है , जिनके जीवों की संख्या बहुत कम हो गई , प्राकृतिक आवास भी नष्ट हो गए है और भविष्य में शीघ्र ही ये विलुप्तता प्राप्त कर लेगी , संकटग्रस्त जातियाँ कहलाती है । प्रकृति में सब कुछ जुड़ा हुआ है। यदि आप एक जानवर को हटाते हैं या पौधे लगाते हैं, तो यह प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ देता है, पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से बदल सकता है और अन्य जानवरों को नुकसान पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, मधुमक्खियां छोटी और तुच्छ लग सकती हैं, लेकिन हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका निभाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका है - वे प्रदूषक हैं। इसका मतलब है कि वे प्रजनन संयंत्रों के लिए जिम्मेदार हैं। मधुमक्खियों के बिना, कई पौधों की प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी, जो पूरी खाद्य श्रृंखला को परेशान करेगी।
mysteries of the universe
सर्पगन्धा ( Rauwolfia serpentina ) , अंगूर ( Atropa ocuminata ) , गुग्गुल ( Commiphora wightii ) , चिलगोजा ( Pinus gerardiana ) , चन्दन ( Santalium album ) , आदि पादप संकटग्रस्त है । बाघ , शेर , घड़ियाल , मगरमच्छ , एग सीक वाला गैडा , कस्तूरी मृग , कश्मीरी हिरण , काला मृग , कृष्णासार , चीतल , भेडिया , नील गाय , भारतीय कुरंम , हसावर , हवासीता , बारहसिंगा , श्वेत सारस , धूसर बगुला , पर्वतीय बटेर , आदि जन्तु संकटग्रस्त है । रेड डेटा बुक ( Red Data Book ) इस किताब में उन जीवों की सूची बनाई एवं रखी जाती है जिनके खोने का खास सबसे अधिक होता है । इस तरह के जीवों को विलुप्त प्राय ( Endangered ) कहते हैं ।
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