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पृथ्वी ऐसा ग्रह है जिसपर विकसित जीवन पाया जाता है

                 पृथ्वी ऐसा ग्रह है जिसपर विकसित जीवन पाया जाता है 

                         

                                                       


                          



पृथ्वी ऐसा ग्रह है जिसपर विकसित जीवन पाया जाता है । कहते हैं , पृथ्वी और चाँद को छोड़कर दूसरे किसी ग्रह पर जल नहीं मिलता । जल ही जीवन है , अतः दूसरे ग्रहों पर जीवन दुर्लभ क्यों न हो ? पृथ्वी पर जल का विस्तार इसके दो - तिहाई भाग पर मिलता है ( 1/3 स्थल है ) । फिर , पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन ( प्राणवायु ) प्राप्य है , अतः यहाँ जीवन संभव हो सका है । अंतरिक्षयात्रियों का कहना है कि ऊपर से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ती है । नीलग्रह पृथ्वी ही है । सूर्य की किरणों में उपस्थित नीला रंग बिखर जाता है । इसे वायुमंडल में उपस्थित गैसों के कण शोषितकर पुनः फैलाते रहते हैं । यही कारण है कि पृथ्वी का वायुमंडल नीला दिखाई देता है और बाहर से देखने पर पृथ्वी नीली दिखाई पड़ती है । सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणें अधिक लंबे मार्ग से घूमकर आती हैं । नीला रंग रास्ते में ही बिखरकर समाप्त हो जाता है और पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुँचते - पहुँचते क्रमशः नारंगी और अंत में लाल रंग की किरणें बिखरती हैं । इन्हीं के कारण सूर्योदय और सूर्यास्त में आसमान में लालिमा दिखाई देती है ।

इसकी गतियाँ घूर्णन से दिन - रात तो होते ही हैं , साथ ही सूर्योदय , मध्याह्न ( दोपहर ) और सूर्यास्त का समय भी निश्चित होता है । जब सूर्य क्षितिज पर हो और उसकी तिरछी किरणें धरातल पर आने लगे , तब उसे सूर्योदय का समय कहते हैं । इसके पूर्व का समय ( सूर्योदय के पहले की लाली छाई रहना ) उषाकाल माना जाता है । सूर्य की किरणों का लंबवत पड़ने लगना , अर्थात सूर्य का अधिकतम ऊँचाई पर होना मध्याह्नकाल ( दोपहर ) का द्योतक होता है । सूर्य का क्षितिज पर ढलते हुए लोप हो जाना सूर्यास्त कहलाता है । वह स्थान जहाँ से सूर्य की किरणें अधिकतम दूरी पर होती हैं , वहाँ अर्द्धरात्रि होती है । यद्यपि सूर्य कभी अस्त नहीं होता , बल्कि आकाश में सदा विराजमान रहता है , किंतु पृथ्वी के घूर्णन के कारण वह उदय और अस्त होने का भ्रम उत्पन्न करता है । यह ठीक वैसा ही है जैसा चलती रेल या मोटरगाड़ी में बाहरी वस्तुओं ( पेड़ , मकान , खंभे आदि ) का विपरीत दिशा में भागते नजर आना । पृथ्वी के घूर्णन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर होती है , अतः पूर्व में सूर्योदय पहले होता है । अरुणाचल प्रदेश दिल्ली से पूर्व है , अतः अरुणाचल प्रदेश में दिल्ली की अपेक्षा पहले सूर्योदय होता है । पृथ्वी का घूर्णन स्थायी हवाएँ उत्पन्न करने और समुद्र में जलधाराएँ उत्पन्न करने में भी सक्षम है ।

                                                                  




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